
हाफिज़ इबन असाकर ने एक हैरत अंगेज़ वाक़या अपनी किताब में नक़ल किया है, एक साहब फरमाते हैं के मेरे पास एक गदहा था जिस पर बैठा कर मैं लोगों के दमिशक़ से ज़ैदानी तक की सवारी करवाता था
एक बार एक शख़्स नें मुझसे मेरा गदहा किराए पर लिया और बोला के मुझे फलां जगह ले कर चलो, आगे जा कर एक जगह पर दो रास्ते आए तो उसने कहा इस रास्ते पर चलो, मैं ने कहा मैं इस रास्ते से बिलकुल अंजान हुं, तो वो शख़्स कहने लगा आप अंजान हो तो कोई बात मैं अच्छे से वाक़िफ हुं इस रास्ते से
उस शख़्स की बात मान कर मैं उस रास्ते पर चल पडा थोडी दुर चलने के बाद मुझे एहसास हुआ के हम एक वीरान जंगल में पहुंच गए हैं
इतने में पीछे बैठे शख़्स ने आवाज़ दी ज़रा गदहे को रोको मुझे यहां उतरना है, मैं ने गदहे का लगाम खींच कर उसे उतरने का इशारा किया,
वो शख़्स नीचे उतर कर अपने कमर से एक ख़ंजर निकाल कर मुझ पर हमला कर दिया, मैं वहां से सरपट भागा लेकिन उसने मेरा पीछा किया और मुझे पकड लिया
मैं ने कहा ये गदहा और जो सामान भी मेरे पास है वो सबकुछ तु लेले और मुझे छोड दे
वो कहने लगा ये सब तो वैसे भी मेरा हो ही चुका है, लेकिन मैं तुझे ज़िंदा नही छोडना चाहता,
मैं ने उसे अल्लाह का ख़ौफ दिलाया, आख़िरत के अज़ाबों का डर दिखाया लेकिन उस पर मेरी किसी बात का असर ना हुआ,वो मुझे मारने पर अडा रहा तो मैं ने कहा अच्छा अगर तु मेरी जान लेना ही चाहता है तो फिर मुझे इतनी मुहलत दे के मैं दो रिकआत नमाज़ पढ लुं, उसने कहा चल जलदी पढ
मैं ने नमाज़ शुरु की लेकिन अल्लाह की क़सम मेरी ज़ुबान से एक हुरुफ नही निकल रहा था मारे दहशत के मैं ऐसे ही हांथ बांधे खडा था,
फिर अचानक मेरी ज़ुबान पर ये आयत आ गई
اَمَّنْ يُّجِيْبُ الْمُضْطَرَّ اِذَا دَعَاهُ وَيَكْشِفُ السُّوْۗءَ وَيَجْعَلُكُمْ خُلَـفَاۗءَ الْاَرْضِ النمل27:62
तरज़ुमा: भला कौन बेक़रार की इल्तेजा क़बुल करता है, जब वो उस्से दुआ करता है यानी अल्लाह ही है जो बेक़रार की बेक़रारी के वक़त दुआ को सुनता है और क़बुल करता है और बेबसों की सख़्ती और मुसीबतों को दुर करता है
बस इस आयत का मेरी ज़ुबान से जारी होना था के मैं ने देख के इस वीरान जंगल में एक शख़्स घोडा दौडाता हुआ तेज़ी से हमारी तरफ आ रहा है उसके हांथो में एक चमकती तलवार थी वो बिना कुछ कहे उस डाकु के पेट में तलवार आर पार कर दिया, वो उसी वक़त बेजान हो कर गिर पडा
वो घुडसवार वापस जाने लगा तो मैं उसके क़दमों में लिपट गया और पुछा अल्लाह के वास्ते बताओ तुम कौन हो
वो घुडसवार कहने लगा मैं उसका भेजा हुआ हुं जो बेबसों की बेकसों की दुआ क़बुल करता है, और मुसीबत और आफत को टाल देता है
मैं ने अल्लाह का शुक्र अदा किया और अपना सामान और गदहा ले कर सही सलामत वापस लौटा
Leave a Reply