हलाकु ख़ान अपने घोडे पर शान से बैठा हुआ था, उसके सामने तीन लाईन में लोग खडे हुए थे जिसे आज हलाकु ख़ान क़त्ल करने वाला था, पहले लाईन मे एक बुढा ग़रीब खडा मौत के डर से कांप रहा था, हलाकु ख़ान ने अपने जल्लाद को इशारा किया
जल्लाद ने हलाकु ख़ान के हुकुम को मानते हुए पहले लाइन में खडे लोगों की गर्दने उडा रहा था, वो बुढा ग़रीब पहले लाईन से पिछे हट कर दुसरे लाईन में शामिल हो गया
हलाकु ख़ान अपने घोडे पर बैठ कर हांथों से लेमु उछाल रहा था लेमु उछालते हुए उसने देख लिया के ये बुढा पहले लाईन से निकल कर दुसरे में चला गया,
जब जल्लाद ने पहले लाईन में खडे सभी लोगों की गर्दने उडा दी तो हलाकु ख़ान फिर दुसरे लाईन में खडे लोगों की गर्दने उडाने को कहा
जल्लाद एक एक कर के दुसरे लाईन में भी खडे लोगों की गर्दने उडा रहा था तो ग़रीब बुढे ने देखा के उसका नंबर जलद ही आने वाला है तो वो फिर पिछे हटा और तीसरे लाईन में चाल गया
हलाकु ख़ान की नज़रे उसी बुढे पर जमी हुई थी, उसने सोंचा ये बुढा कब तक बचेगा, भला हलाकु ख़ान के तलवार से आज तक कोई बच सका है
जल्लाद ने दुसरी लाईन के लोगों को ख़त्म करके अब तिसरी लाईन वालों की गर्दने काट रहा था
जब तीसरी लाईन के सभी लोगों की गर्दनें उडाने के बाद जब आख़िर में उस बुढे ग़रीब की बारी आई तो हलाकु ख़ान ने जल्लाद को रुकने का इशारा किया और उस बुढे को अपने पास बुलाया
हलाकु खान ने बुढे से पुछा जब पहली लाईन में खडे लोगों की गर्दने कट कर गिर रही थी तो तुम दुसरी लाईन में चले गये और जब दुसरी लाईन की गर्दन कट कर गिर रही थी तब तुम तीसरी लाईन में चले गये, अब तो पीछे कोई और लाईन भी नही है अब बच कर कहां जाओगे, अब तुम्हें मुझसे कौन बचाएगा ..?
बुढे ने आसमान की तरफ देखा फिर हलाकु ख़ान से बोला, मैं पहले लाईन से दुसरे लाईन में इस लिये चला गया के शायद बच जाउं, मगर मौत वहां भी क़रीब ही थी तो मैं दुसरी लाईन से तीसरी लाईन में चला गया के शायद बच जाउं
हलाकु ख़ान ने हांथों से लेमु उछालते हुए कहा बाबा ये कैसी बहकी बहकी बातें कर रहे हो, भला हलाकु ख़ान की तलवार से भी कोई बच सकता है
बुढे ग़रीब ने कहा उपर वाली ज़ात अगर चाहे तो एक लमहे में मुझे बचा सकता है
कैसे बचा सकता है..? हलाकु ख़ान ने इतने जोश में कहा के हांथों में उछलता लेमु उसके हांथ से छुट गया, हलाकु ख़ान गिरते लेमु को पकडने के लिये झुका तो घोडे के ज़ीने में से एक पैर निकल गया और हलाकु ख़ान निचे गिर गया जबकी दुसरा पैर घोडे के ज़ीने में ही फंसा रहा गया
हलाकु ख़ान का घोडा इतना डर गया के वो बिदक गया, हलाकु ख़ान का पैर एक साईड के ज़ीने में फंसे होने की वजह से घोडा हलाकु ख़ान को भी घसीटता हुआ भागने लगा हलाकु ख़ान की फौज भी ये सब देख कर हरकत में आई और हलाकु ख़ान को बचाने में लग गई लेकिन घोडा इतना ज़्यादा बिदक गया था के हलाकु ख़ान का सर पत्थररों में पटक पटक कर चुर कर दिया था
फौजियों ने जब हलाकु ख़ान के घोडे को पकडा तब तक हलाकु ख़ान मर चुका उसका सर बुरी तरह चुर हो चुका था
फौजी ये सब देख कर इतना डर गये के बुढे ग़रीब को जाने दिया
इसी लिये कहा जाता है के मज़लुमों की आह.. से डरना चाहिये क्युंकी जब मज़लुम आह… करता है तो क़बुलियत बहुत दुर से उसका इसतक़बाल करती है
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