बीवी ने शौहर से कहा अपने पडोसी से कुछ उधार लेकर कम से कम एक चिराग़ ही ख़रीद लाओ
शेख़ इस्माईल जिसने अपनी ज़रुरत के लिये ज़िंदगी में कभी किसी के सामने हांथ नही फैलाया था आज बीवी के इसरार पर पडोसी के दरवाज़े पर खडा आवाज़ लगा रहा था
कई बार दरवाज़ा खटखटाने पर भी जब अंदर से कोई जवाब न आया तो मायुस हो कर घर वापिस आ गया
बीवी ने जब आपको ख़ाली हांथ आते देखा तो बोल पडी क्या पडोसी ने भी मदद से इंकार कर दिया..?
शेख़ इस्माईल बोले मदद तो दुर की बात है उसने दरवाज़ा तक नही खोला
शेख़ इस्माईल बहुत मायुस हो कर बिस्तर पर लेट गये, करवटें बदलते बदलते आपकी आंख लग गई, ख़्वाब मे हुज़ुर (स.अ.व.) का दिदार हुआ
हुज़ुर (स.अ.व.) फरमा रहे थें ऐ इस्माईल तु फिकर न कर तेरी पैदा होने वाली बच्ची बहुत बडी आलिमा होगी और तेरे इस बच्ची की दुआ से मेरे उम्मत के बहुत से लोगों की बख़शिश होगी
शेख़ इस्माईल तुम पर लाज़मी है के तुम सुबह बसरा के हाकिम ईसा ज़रवान के पास जाओ और उस्से कहना के वो मुझ पर हर रोज़ सौ मरतबा और जुमे को चार सौ मरतबा दरुद शरीफ का तोहफा भेजता है मगर पिछले जुमे को उसने दरुद शरीफ का तोहफा नही भेजा, इस लिये अब उसे चाहिये के वो अपने इस भुल का कफारह अदा करे और मेरे भेजे हुए आदमी को वो चार सौ दिनार अदा करे
शेख़ इस्माईल की जब आंख खुली तो वो बहुत ख़ुश हुएं के के ख़्वाब में हुज़ुर (स.अ.व.) का दिदार नसीब हो गया
सुबह होते ही शेख़ इस्माईल ने अपने ख़्वाब को एक काग़ज पर लिखा और बसरा के हाकिम ईसा ज़रवान के दरबार में पहुंच कर अपना ये ख़त दरबान को पकडा दिया और कहा के इस ख़त को ईसा ज़रवान तक पहुंचा देना
हाकिम ईसा ज़रवान ने जैसे ही ख़त पढा तो दरबान से पुछा ये ख़त देने वाला बंदह कहां है..? दरबान ने कहा बाहर दरवाज़े पर है,
हकिम ए बसरा दौड कर दरवाज़े पर पहुंचे और शेख़ इस्माईल के हांथों को चुमते हुए बोले आपके सदक़े में हुज़ुर (स.अ.व.) ने मेरा ज़िकर किया है, मेरा नाम लिया है, मेरी भुल का कफारह अदा करने का मौक़ा दिया है, शेख़ इस्माईल अल्लाह आपको अजरे अज़ीम दे
ये कह कर हाकिम ए बसरा ने शेख़ इस्माईल को चार सौ दिनार अदा किया और दस हज़ार दिनार ग़रीबों में तक़सीम करवाया
क्या आप जानते हैं के पैदा होने वाली बच्ची कौन थी..?
आपका नाम हज़रत राबिया बसरी रह. था, आप बहुती बडी आलिमा थीं, आप अपने माँ बाप की चौथी औलाद थी इस लिये आपका नाम राबिया था (अरबी में राबिया का मतलब चौथी होता है ) आप 97 हिजरी मैं पैदा हुईं थीं
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