ईरान के बादशाह कसरा का बावरची एक दिन बादशाह के लिये खाना लगा रहा था के सालन का एक ख़तरा बादशाह के आस्तीन पर गिर गया
बादशाह को ग़ुस्सा आया और उसने हुकुम दिया बावरची के दो टुकडे कर दिया जाए
बावरची ने ये सुना तो सालन से भरा पुरा बर्तन ही बादशाह के सर पर उलट दिया
बादशाह चींख कर बोला ये क्या किया तुम ने.?
बावरची बोल ये गुस्ताख़ी इस लिये है हे को लोग आपको ज़ालिम न समझें.. लोग ये न कहें के बादशाह ने अपने वफादार बावरची को सिर्फ इस लिये मार दिया के उस्से एक ख़तरा सालन गिर गिया था
पहले मुझ से ग़लती हुई थी अब मैं ने जानबुझ कर गुनाह किया है
ताकी मुझे गुनाह की सज़ा मिले ग़लती की नही… और इस सज़ा को लोग जायज़ समझें
बादशाह ने जब बावरची की पुरी बात सुनी तो उसके अक़लमंदी की तारीफ किये बिना न रह सका. बादशाह ने उसके जुरम को माफ किया और उसे ढेरों ईनाम से भी नवाज़ा
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